एटली के निर्देशन में बनी फिल्म 'जवान' बॉक्स ऑफिस पर छाई हुई है। शाहरुख खान, विजय सेतुपति, नयनतारा और दीपिका पादुकोण जैसे सितारों से सजी इस मूवी ने घरेलू और अंतरराष्ट्रीय दोनों स्तरों पर कई रिकॉर्ड तोड़ दिए हैं। हालांकि, मूवी रिलीज के साथ ही पायरेसी की शिकार हो गई। इसी को लेकर दिल्ली उच्च न्यायालय ने कड़ा फैसला लिया है। उच्च न्यायालय ने पायरेसी के खिलाफ फिल्म निर्माता रेड चिलीज एंटरटेनमेंट की याचिका पर कड़े निर्देश दिए हैं।

उच्च न्यायालय ने दिए कड़े निर्देश

रेड चिलीज एंटरटेनमेंट की याचिका पर दिल्ली उच्च न्यायालय ने व्हाट्सएप और टेलीग्राम को शाहरुख खान की फिल्म 'जवान' की पायरेटेड प्रतियां प्रसारित करने और बेचने वाले सभी समूहों और चैनलों को निष्क्रिय करने का निर्देश दिया है। न्यायमूर्ति सी हरि शंकर ने न केवल समूहों और चैनलों को निष्क्रिय करने का निर्देश दिया, बल्कि व्हाट्सएप, टेलीग्राम और मोबाइल नेटवर्क ऑपरेटरों को इन समूहों और चैनलों से जुड़े मोबाइल नंबरों की ग्राहक जानकारी का खुलासा करने का भी निर्देश दिया ताकि कानूनी कार्रवाई की जा सके।

पायरेटेड कॉपियां बेचने वालों पर होगी सख्त कार्रवाई

याचिकाकर्ता रेड चिलीज ने एक शख्स रोहित शर्मा की पहचान करने के बाद याचिका दायर की, जो व्हाट्सएप के माध्यम से फिल्म की पायरेटेड प्रतियां बेच रहा था। निर्देश पारित करते हुए, उच्च न्यायालय ने मेटा को अपने व्हाट्सएप नंबर, अपने फेसबुक पेज के साथ-साथ इंस्टाग्राम पेज को निष्क्रिय करने का निर्देश दिया। उच्च न्यायालय ने यह भी कहा कि अन्य व्हाट्सएप ग्रुप और टेलीग्राम चैनलों के एडमिन की पहचान होने के बाद उनके खिलाफ भी इसी तरह की कार्रवाई की जाएगी।

रेड चिलीज एंटरटेनमेंट ने दायर की थी याचिका

रेड चिलीज की ओर से वरिष्ठ वकील राज शेखर राव पेश हुए। याचिका में यह भी कहा गया कि 13 सितंबर को मुंबई में रोहित शर्मा और अन्य के खिलाफ पुलिस शिकायत भी दर्ज की गई थी। पायरेटेड प्रतियां बेचने वाले आरोपियों की पहचान फिल्म 'जवान' के निर्माता द्वारा नियुक्त एजेंटों द्वारा की गई थी।

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