लोकसभा चुनाव में ड्यूटी लगाने के फैसले को चुनौती देने वाली याचिका पर सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने बैंक कर्मचारियों को किसी भी राहत से इनकार कर दिया। हाईकोर्ट ने कहा कि राष्ट्रहित हमेशा निज हित से ऊपर होता है और चुनावी ड्यूटी लोकतंत्र के पर्व में शामिल होने के समान है।

याचिका दाखिल करते हुए बठिंडा सेंट्रल कोऑपरेटिव बैंक इंप्लाइज यूनियन ने पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट को बताया कि चुनाव आयोग ने बैंक के कर्मचारी ड्यूटी के लिए मांगे हैं। बैंक की विभिन्न ब्रांच में काम करने वाले कर्मचारी यदि चुनावी ड्यूटी पर चले जाएंगे तो बैंक का काम प्रभावित होगा। ऐसे में हाईकोर्ट से अपील की गई कि चुनाव आयोग के आदेश को रद्द किया जाए। हाईकोर्ट ने कहा कि कोऑपरेटिव बैंक कर्मचारियों की चुनावी ड्यूटी का मामला फिलहाल सुप्रीम कोर्ट में विचाराधीन है। यहां पर बात केवल इस चुनाव में लगाई गई ड्यूटी को चुनौती देने की है।

किसी भी अंतरिम आदेश को जारी करने से इनकार
याची पक्ष अंतरिम आदेश की मांग कर रहा है और वहीं चुनाव आयोग की दलील है कि उन्हें कर्मचारियों की आवश्यकता है। हाईकोर्ट ने कहा कि हम केस को मैरिट पर नहीं सुन रहे हैं, यहां बहस केवल अंतरिम आदेश को लेकर है। चुनाव लोकतांत्रिक प्रक्रिया है और इसमें हिस्सा लेना लोकतंत्र के पर्व में शामिल होने जैसा। देश हित सबसे ऊपर होना चाहिए और खास तौर पर निज हित से। ऐसे में हाईकोर्ट ने किसी भी अंतरिम आदेश को जारी करने से इन्कार कर दिया।

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