भारतीय दंड संहिता की धारा 504 के अनुसार, जो कोई भी किसी व्यक्ति को उकसाने के इरादे से जानबूझकर उसका अपमान करे, इरादतन या यह जानते हुए कि इस प्रकार की उकसाहट उस व्यक्ति को लोकशांति भंग करने, या अन्य अपराध का कारण हो सकती है को किसी एक अवधि के लिए कारावास की सजा जिसे दो वर्ष तक बढ़ाया जा सकता है या आर्थिक दंड या दोनों से दंडित किया जाएगा
लागू अपराध
उकसा कर लोकशांति भंग करने के इरादे से जानबूझकर अपमान करना
सजा - दो वर्ष कारावास या जुर्माना या दोनों
यह एक जमानती, गैर-संज्ञेय अपराध है और किसी भी न्यायधीश द्वारा विचारणीय है।
यह अपराध पीड़ित / अपमानित व्यक्ति द्वारा समझौता करने योग्य है।
अपराध | सजा | संज्ञेय | जमानत | विचारणीय |
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शांति भंग भड़काने का इरादा अपमान | 2 साल या जुर्माना या दोनों | गैर - संज्ञेय | जमानतीय | कोई भी मजिस्ट्रेट |