भारतीय दंड संहिता की धारा 136 के अनुसार, जो कोई सिवाय एतस्मिन््पश्चात्् यथा अपवादित के, यह जानते हुए या यह विश्वास करने का कारण रखते हुए कि 1[भारत सरकार] की सेना, 2[नौसेना या वायुसेना] के किसी आफिसर, सैनिक, 3[नौसैनिक या वायुसैनिक] ने अभित्यजन किया है, ऐसे आफिसर, सैनिक, 3[नौसैनिक या वायुसैनिक] को संश्रय देगा, वह दोनों में से किसी भांति के कारावास से, जिसकी अवधि दो वर्ष तक की हो सकेगी, या जुर्माने से, या दोनों से दंडित किया जाएगा ।
अपवाद--इस उपबंध का विस्तार उस मामले पर नहीं है, जिसमें पत्नी द्वारा अपने पति को संश्रय दिया जाता है ।
अपराध | सजा | संज्ञेय | जमानत | विचारणीय |
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ऐसे अधिकारी, सिपाही, नाविक या एयरमैन को शरण देना, जो भाग चुका है | 2 साल या जुर्माना या दोनों | संज्ञेय | जमानतीय | कोई भी मजिस्ट्रेट |