अंबाला में एक गुरुद्वारे के LoudSpeaker से ध्वनि प्रदूषण और लोगों की परेशानी को लेकर दाखिल याचिका का दायरा बढ़ाते हुए पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट ने हरियाणा व पंजाब सरकार से पूछा है कि उन्हें ध्वनि प्रदूषण की कितनी शिकायतें मिली हैं और उन पर क्या कार्रवाई की गई है।

हाईकोर्ट ने दोनों राज्यों को यह ब्योरा जिले वार सौंपने का आदेश दिया है। साथ ही रीत मोहिंदर सिंह मामले में हाईकोर्ट के आदेश के पालन से जुड़ी स्टेटस रिपोर्ट सौंपने का आदेश दिया है।

याचिका में अंबाला निवासी अभिलक्ष्य सचदेवा ने बताया कि उनके क्षेत्र में मौजूद गुरुद्वारे के LoudSpeaker के कारण उसे व स्थानीय लोगों को परेशानी होती है। हर स्तर पर शिकायत के बावजूद सरकार कोई कार्रवाई नहीं कर रही है। हाईकोर्ट को बताया गया कि रीत मोहिंदर सिंह मामले में हाईकोर्ट ने ध्वनि प्रदूषण पर नियंत्रण के लिए आदेश जारी किए थे, जिनका पालन नहीं किया जा रहा।

हाईकोर्ट ने इसे अहम विषय मानते हुए अब हरियाणा के साथ ही पंजाब सरकार को भी प्रतिवादी बना लिया है और अगली सुनवाई पर रीत मोहिंदर सिंह मामले में 2019 में जारी आदेश के पालन से जुड़ी रिपोर्ट सौंपने का आदेश दिया है। साथ ही दोनों राज्यों के हर जिले में ध्वनि प्रदूषण से जुड़ी शिकायतों व उन पर की गई कार्रवाई का ब्योरा सौंपने का आदेश दिया है।

रीत मोहिंदर सिंह मामले में यह था आदेश

  • - धार्मिक स्थलों जैसे मंदिर, मस्जिद और गुरुद्वारा में बिना लिखित इजाजत मांगे LoudSpeaker के इस्तेमाल पर पूरी तरह प्रतिबंधित, इजाजत मिलने पर भी ध्वनि 10 डेसीबल से ज्यादा नहीं होनी चाहिए।
  • - रात 10 बजे से सुबह 6 बजे तक LoudSpeaker और म्यूजिक सिस्टम चलाने पर पाबंदी।
  • - किसी भी किस्म के धार्मिक आयोजनों, शादियों और शिक्षण संस्थानों में किसी भी तरह के हथियारों पर पूरी तरह से पाबंदी।
  • - किसी भी लाइव शो और पब्लिक प्लेस पर ऐसे गानों के गाए जाने और बजाने पर पूरी तरह से पाबंदी, जिनमें अश्लीलता, हिंसा और शराब और अन्य नशों को प्रोत्साहित किया गया हो।
  • - शिक्षण संस्थानों के करीब अर्ध-नग्न पोस्टर या ऐसी किसी भी सामग्री के प्रदर्शित किए जाने पर पाबंदी ।
  • - स्कूलों, कॉलेजों, विश्व विद्यालयों और अन्य शिक्षण संस्थानों की वार्षिक परीक्षाएं शुरू होने से 15 दिन पहले किसी को भी लाडस्पीकर के चलाने की इजाजत नहीं देने का आदेश।

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