पाकिस्तान के एक उच्च न्यायालय ने जेल में बंद पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान की पार्टी का चुनाव चिह्न क्रिकेट ‘बल्ला' रद्द करने और उसके संगठनात्मक चुनावों को खारिज करने संबंधी निर्वाचन आयोग के फैसले को बुधवार को असंवैधानिक घोषित कर दिया। अदालत से इस फैसले को आम चुनाव से पहले इमरान खान की पार्टी के लिए एक बड़ी राहत के तौर पर देखा जा रहा है। समाचार पत्र ‘डॉन' की खबर के अनुसार पेशावर उच्च न्यायालय ने निर्वाचन आयोग को निर्देश दिया कि वह पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) पार्टी को उसका क्रिकेट ‘बल्ला' चुनाव चिह्न वापस लौटाए और पार्टी के आंतरिक चुनावों से जुड़ा दस्तावेज अपनी वेबसाइट पर अपलोड करे।

यह फैसला पार्टी द्वारा अपने चुनाव चिह्न की बहाली के अनुरोध संबंधी याचिका उच्चतम न्यायालय से वापस लेने के तुरंत बाद आया है। निर्वाचन आयोग ने 22 दिसंबर को ‘पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ' के संगठनात्मक चुनावों और आठ फरवरी के आम चुनावों के लिए क्रिकेट ‘बल्ले' को उसके चुनाव चिह्न के रूप में बनाये रखने की उसकी याचिका को खारिज कर दिया था। आयोग ने कहा था कि ‘पीटीआई' अपनी पार्टी के संविधान के अनुसार चुनाव कराने में विफल रही। न्यायमूर्ति इजाज अनवर और न्यायमूर्ति अरशद अली की दो सदस्यीय पीठ ने पाकिस्तान निर्वाचन आयोग (ईसीपी) के फैसले को ‘‘गलत'' करार दिया।

‘पीटीआई' ने 26 दिसंबर को ईसीपी के आदेश के खिलाफ पेशावर उच्च न्यायालय का रुख किया था और एकल पीठ ने नौ जनवरी तक पार्टी का चुनाव चिह्न बहाल कर दिया था। निर्वाचन आयोग ने 30 दिसंबर को पेशावर उच्च न्यायालय में एक समीक्षा याचिका दायर की थी जिसमें दलील दी गई थी कि अदालत ने अपने अधिकार क्षेत्र का उल्लंघन किया है। फैसले की घोषणा के बाद न्यायालय के बाहर मीडिया से बात करते हुए ‘पीटीआई' के वकील अली जफर ने कहा, ‘‘अब, पीटीआई को ये चुनाव जीतने से कोई नहीं रोक सकता।''

फैसले का स्वागत करते हुए ‘पीटीआई' सांसद ने कहा कि पेशावर उच्च न्यायालय ने कानून के मुताबिक फैसला सुनाने की अपनी परंपरा बरकरार रखी है। उन्होंने कहा, ‘‘अदालत ने पीटीआई के ‘बल्ले' चुनाव चिह्न को बहाल करने और पार्टी के संगठनात्मक चुनाव के नतीजों को तुरंत अपनी वेबसाइट पर अपलोड करने का आदेश दिया है।''

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