सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) सोमवार को एक वकील का PIL देख नाराज हो गया। वकील से केस की अग्रिम लागत के तौर पर 5 लाख रुपये जमा करने तक को कह दिया। बाद में CJI डीवाई चंद्रचूड़ का मूड भांप वकील ने खुद अपनी याचिका वापस ले ली।

क्या है पूरा मामला?
सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) में एक वकील ने संविधान की दसवीं अनुसूची को चुनौती देने वाली एक जनहित याचिका (PIL) दायर की थी। सोमवार को यह मामला सुनवाई के लिए आया। खुद चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ मामले को सुन रहे थे। उन्होंने वकील से कहा- किहोतो होलोहन (Kihoto Hollohan) केस में इसे बरकरार रखा गया है। आप इससे आखिर किस तरह प्रभावित हैं?

5 लाख देते हो या?
चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ (CJI DY Chandrachud) के सवाल पर वकील ने कहा- ‘मैं प्रभावित नहीं हूं…’ इस पर सीजेआई ने कहा कि आपको इस केस के लिए 5 लाख रुपये अग्रिम लागत देनी होगी। न्यायालय आम आदमी के पैसे से चलता है और आम आदमी का समय है। क्या आप 500000 जमा करने को तैयार हैं?

मैं तो यही चाहता था…
समाचार पत्रिका के मुताबिक सीजेआई चंद्रचूड़ के  इतना कहते ही वकील ने कहा- मैं अपनी पीआईएल विथड्रॉ कर लूंगा। इसपर चीफ जस्टिस ने कहा- यही तो मैं चाहता था और उन्होंने डिसमिस कर दिया।

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