Monday, 13, May, 2024
 
 
 
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धारा 353 आईपीसी (IPC Section 353 in Hindi) - लोक सेवक को अपने कर्तव्य के निर्वहन से भयोपरत करने के लिए हमला या आपराधिक बल का प्रयोग ( IPC Section 353. Assault or criminal force to deter public servant from discharge of his duty )


 

भारतीय दंड संहिता की धारा 353 के अनुसार, जो भी किसी ऐसे व्यक्ति पर, जो लोक सेवक हो, उस समय जब लोक सेवक के नाते वह अपने कर्तव्य का निष्पादन कर रहा हो, या उस व्यक्ति को लोक सेवक के नाते अपने कर्तव्य के निर्वहन से निवारित या भयोपरत करने के आशय से, या लोक सेवक के नाते उसके अपने कर्तव्य के विधिपूर्ण निर्वहन में किए गये या किए जाने वाले किसी कार्य के परिणामस्वरूप हमला या आपराधिक बल का प्रयोग करेगा, तो उसे किसी एक अवधि के लिए कारावास की सजा जिसे दो वर्ष तक बढ़ाया जा सकता है या आर्थिक दंड या दोनों से दंडित किया जाएगा।

लागू अपराध
एक लोक सेवक / सरकारी कर्मचारी को अपने कर्तव्य के निर्वहन से रोकने/भयोपरत के लिए हमला या आपराधिक बल का प्रयोग करना
सजा - दो वर्ष कारावास या जुर्माना या दोनों
यह एक गैर-जमानती, संज्ञेय अपराध है और किसी भी मजिस्ट्रेट द्वारा विचारणीय है।
यह अपराध समझौता करने योग्य नहीं है।

अपराध सजा संज्ञेय जमानत विचारणीय
एक लोक सेवक को अपने कर्तव्य के निर्वहन से रोकने के लिए आपराधिक बल का हमला या उपयोग 2 साल या जुर्माना या दोनों संज्ञेय गैर जमानती कोई भी मजिस्ट्रेट

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