कुछ मामलों में अभियुक्त की अनुपस्थिति में जांच और विचारण किए जाने के लिए उपबंध-(1) इस संहिता के अधीन जांच या विचारण के किसी प्रक्रम में यदि न्यायाधीश या मजिस्ट्रेट का उन कारणों से, जो अभिलिखित किए जाएंगे, समाधान हो जाता है कि न्यायालय के समक्ष अभियुक्त की वैयक्तिक हाजिरी न्याय के हित में आवश्यक नहीं है या अभियुक्त न्यायालय की कार्यवाही में बार-बार विघ्न डालता है तो, ऐसे अभियुक्त का प्रतिनिधित्व प्लीडर द्वारा किए जाने की दशा में, वह न्यायाधीश या मजिस्ट्रेट उसकी हाजिरी से उसे अभिमुक्ति दे सकता है और उसकी अनुपस्थिति में ऐसी जांच या विचारण करने के लिए अग्रसर हो सकता है और कार्यवाही के किसी पश्चात्वर्ती प्रक्रम में ऐसे अभियुक्त की वैयक्तिक हाजिरी का निदेश दे सकता है ।
(2) यदि ऐसे किसी मामले में अभियुक्त का प्रतिनिधित्व प्लीडर द्वारा नहीं किया जा रहा है अथवा यदि न्यायाधीश या मजिस्ट्रेट का यह विचार है कि अभियुक्त की वैयक्तिक हाजिरी आवश्यक है तो, यदि वह ठीक समझे तो, उन कारणों से, जो उसके द्वारा लेखबद्ध किए जाएंगे, वह या तो ऐसी जांच या विचारण स्थगित कर सकता है या आदेश दे सकता है कि ऐसे अभियुक्त का मामला अलग से लिया जाए या विचारित किया जाए ।