भारतीय दंड संहिता की धारा 179 के अनुसार, जो कोई किसी लोक सेवक से किसी विषय पर सत्य कथन करने के लिए वैध रूप से आबद्ध होते हुए, ऐसे लोक सेवक की वैध शक्तियों के प्रयोग में उस लोक सेवक द्वारा उस विषय के बारे में उससे पूछे गए किसी प्रश्न का उत्तर देने से इंकार करेगा, तो उसे किसी एक अवधि के लिए साधारण कारावास की सजा जो छह महीने तक हो सकती है, या एक हजार रुपए तक का आर्थिक दण्ड, या दोनों से दण्डित किया जाएगा।
लागू अपराध
सत्य कथन करने के लिए वैध रूप से आबद्ध होते हुए प्रश्नों का उत्तर देने से इंकार करना।
सजा - छह महीने का साधारण कारावास या एक हजार रुपए रूपये का आर्थिक दण्ड, या दोनों ।
यह एक जमानती, गैर-संज्ञेय अपराध है और किसी भी मॅजिस्ट्रेट द्वारा विचारणीय है।
यह अपराध समझौता करने योग्य नहीं है।
अपराध | सजा | संज्ञेय | जमानत | विचारणीय |
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कानूनी रूप से राज्य की सच्चाई के लिए बाध्य होना, और सवालों के जवाब देने से इनकार करना | 6 महीने के लिए साधारण कारावास या जुर्माना या दोनों | असंज्ञेय | जमानती | जिस कोर्ट में अपराध किया गया है, पाठ XXVI, के अधीन; या किसी न्यायालय में नहीं किया गया है, तो किसी भी मजिस्ट्रेट के पास |