भारतीय दंड संहिता की धारा 113 के अनुसार, जब किसी दुष्प्रेरक द्वारा किसी कार्य का दुष्प्रेरण किसी विशिष्ट प्रभाव को कारित करने के आशय से किया जाता है और दुष्प्रेरण के परिणामस्वरूप जिस कार्य के लिए दुष्प्रेरक दायित्व के अधीन है, वह कार्य दुष्प्रेरक के द्वारा आशयित प्रभाव से भिन्न प्रभाव कारित करता है तब दुष्प्ररेक कारित प्रभाव के लिए उसी प्रकार और उसी विस्तार तक दायित्व के अधीन है, मानो उसने उस कार्य का दुष्प्रेरण उसी प्रभाव को कारित करने के आशय से किया हो परन्तु यह तब जब कि वह यह जानता था कि दुष्प्रेरित कार्य से वह प्रभाव कारित होना सम्भाव्य है।
लागू अपराध
दुष्प्रेरक के आशय से भिन्न दुष्प्रेरित कार्य से कारित प्रभाव द्वारा अपराध के लिए दुष्प्रेरण।
सजा - अपराध अनुसार।
जमानत, संज्ञान और अदालती कार्रवाई, किए गये अपराध अनुसार होगी।
यह अपराध समझौता करने योग्य नहीं है।
अपराध | सजा | संज्ञेय | जमानत | विचारणीय |
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किसी भी अपराध का दुष्प्रेरण, यदि अधिनियम का पालन किया जाता है, परिणाम में प्रतिबद्ध है, और जहां इसकी सजा के लिए कोई प्रावधान नहीं है | किये गए अपराध के समान | किये गए अपराध के समान | किये गए अपराध के समानकिये गए अपराध के समान | उस अदालत के द्वारा जिसमे किया गया अपराध जाने योग्य है |