देश में चुनावों पर नजर रखने वाली संस्था एसोसिएशन ऑफ डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (Association of Democratic Reforms) ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर चुनाव आयोग की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाए हैं। ADR ने कोर्ट से आयोग को मतदान खत्म होने के 48 घंटे के अंदर वोटों की संख्या प्रकाशित करने के निर्देश देने की मांग की है।ADR का कहना है कि प्रारंभिक आंकड़ों के बाद असामान्य रूप से उच्च संशोधन के साथ दूसरे आंकड़ों की देरी ने आशंकाओं को बढ़ा दिया है।

ADR ने कोर्ट से यह निर्देश देने की मांग की
समाचार पत्रों के मुताबिक, ADR ने कोर्ट से मांग की है कि मौजूदा लोकसभा चुनावों में प्रत्येक चरण के मतदान के समापन के बाद सभी मतदान केंद्रों के फॉर्म 17C भाग-1 (रिकॉर्ड किए गए वोटों का लेखा) की स्कैन प्रतियां अपनी वेबसाइट पर तुरंत अपलोड करें।इसके अलावा प्रत्येक चरण के मतदान के बाद फॉर्म 17C भाग- I में दर्ज किए गए वोटों की संख्या के पूर्ण आंकड़ों में सारणीबद्ध मतदान केंद्र-वार डेटा और मतदान के क्षेत्रवार आंकड़े जारी करे।

ADR ने क्यों उठाए सवाल?
लोकसभा चुनाव के 3 चरण हो चुके हैं। पहले 2 चरणों में चुनाव आयोग ने मतदान के आंकड़े जारी करने में समय लगाया, जिसके अंतिम और प्रारंभिक आंकड़ों में काफी अंतर था।आयोग ने बताया कि पहले चरण में 66.14 और दूसरे चरण में 66.71 प्रतिशत मतदान हुआ, जबकि प्रारंभिक आंकड़ों में मतदान 60 और 60.96 प्रतिशत था।पहले चरण के आंकड़े तो 11 दिन बाद जारी हुए, इसको लेकर कांग्रेस समेत अन्य विपक्षी पार्टियों ने सवाल उठाए थे।

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