बॉम्बे हाईकोर्ट ने मंगलवार को मुंबई के 2021 के कार्डेलिया क्रूज मामले में एक कथित नशीली दवाओं के विक्रेता को जमानत दी। अदालत ने पाया कि प्रतिबंधित पदार्थ की जब्ती में अनिश्चितता थी, जो प्रथम दृष्टया उसे बरी कर सकती है। 

न्यायमूर्ति एन.जे. जामदार की एकल बेंच ने दो साल से ज्यादा समय से जेल में बंद अब्दुल कादर शेख को एक लाख रुपये के मुचलके पर जमानत दी। बॉलीवुड अभिनेता शाहरुख खान के बेटे आर्यन को भी नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (NCB) ने हाई-प्रोफाइल मामले में गिरफ्तार किया था। बाद में हाईकोर्ट ने उन्हें जमानत दे दी थी। आर्यन को आखिरकार आरोपी नहीं बनाया गया था।

शेख पर आरोप था कि उसने मामले के कुछ सह-आरोपियों को को नशीले पदार्थों की आपूर्ति की थी। एनसीबी ने दावा किया था कि उसने गिरफ्तारी के समय शेख के पास से नशीला पदार्थ जब्त किया था। हाईकोर्ट ने अपने आदेश में कहा कि शेख से कथित तौर पर जब्त की गई मादक पदार्थ और उससे एकत्र नमूने और CFSL को विश्लेषण के लिए मिलने नमूने में विवरण में प्रथम दृष्टया विसंगति थी।

न्यायमूर्ति जामदार ने कहा, नमूने की पहचान अनिश्चित है और आवेदक की मिलीभगत उससे मिली प्रतिबंधित सामग्री की जब्ती पर आधारित है। इसलिए यह आवेदक को दोषी नहीं माना जा सकता है। अदालत ने इस तथ्य पर भी गौर किया कि मुकदमा जल्द खत्म नहीं होने वाला है और शेख दो साल से ज्यादा समय से जेल में बंद है।

शेख ने नवंबर 2023 में एक विशेष नारकोटक ड्रग्स एंड साइकोट्रोपिक सब्सटेंस (NDPS) द्वारा उसकी जमानत याचिका खारिज किए जाने के बाद हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया था।

तीस वर्षीय शेख को 3 अक्तूबर 2021 को उपनगरीय जुहू में एक मॉल के सामने बस स्टॉप से गिरफ्तार किया गया था, जिसके एक दिन बाद एनसीबी ने मुंबई के तट पर गोवा जाने वाले क्रूज जहाज कार्डेलिया पर नशीले पदार्थों के शक में छापेमारी की थी। एनसीबी के मुताबिक, शेख के पास से कथित तौर पर 2.5 ग्राम एक्सटसी गोलियां और 54.3 ग्राम मेफेड्रोन जब्त किया गया था।

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