दिल्ली की अदालत ने कथित शराब घोटाले से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की न्यायिक हिरासत 20 मई तक बढ़ा दी है। केजरीवाल को उनकी हिरासत की अवधि समाप्त होने पर वीडियो-कॉन्फ्रेंस के माध्यम से अदालत में पेश किया गया था। सीबीआई और ईडी के विशेष न्यायाधीश कावेरी बावेजा की अदालत ने केजरीवाल की हिरासत की अवधि 20 मई तक बढ़ा दी। अदालत ने सह-अभियुक्त चनप्रीत सिंह की न्यायिक हिरासत भी 20 मई तक बढ़ा दी।

ट्रायल कोर्ट ने यह फैसला ऐसे वक्त में दिया है जब सुप्रीम कोर्ट शराब घोटाले से संबंधित मनी लॉन्ड्रिंग मामले में केजरीवाल को अंतरिम जमानत देने के संबंध में अपना आदेश जारी करने वाला है। न्यायमूर्ति संजीव खन्ना और न्यायमूर्ति दीपांकर दत्ता की पीठ ने कहा कि केजरीवाल आदतन अपराधी नहीं हैं।

शीर्ष अदालत ने मुख्यमंत्री की ओर से पक्ष रख रहे वरिष्ठ अधिवक्ता अभिषेक सिंघवी से कहा कि न्यायालय यह नहीं चाहता कि वह अंतरिम जमानत मिलने पर सरकारी कामकाज करें। यदि आप सरकारी कामकाज करते हैं तो यह हितों का टकराव होगा। हम ऐसा नहीं चाहते हैं। इस पर सिंघवी ने अदालत को भरोसा दिया कि यदि केजरीवाल को मामले में अंतरिम जमानत मिल जाती है तो वह कथित शराब घोटाले से जुड़ी कोई फाइल नहीं देखेंगे।

वहीं ईडी ने अपनी दलील में कहा कि कोर्ट नेताओं के लिए अलग श्रेणी नहीं बना सकती है। सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने ईडी की ओर से दलीलें रखी। उन्होंने कहा कि मौजूदा वक्त में सांसदों से जुड़े करीब 5,000 मामले लंबित हैं। क्या उन सभी को जमानत पर छोड़ दिया जाएगा? क्या एक किसान का महत्व किसी नेता से कम है? किसान के लिए तो फसलों की कटाई और बुवाई का मौसम है? केजरीवाल ने जांच में सहयोग नहीं किया। यदि वह जांच में सहयोग करते तो उन्हें गिरफ्तार नहीं किया जाता।

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Picture Source : <a href="https://commons.wikimedia.org/wiki/File:Arvind_Kejriwal_(potrait).jpg" title="via Wikimedia Commons">RAJINDER PAL SINGH BRAR</a> / <a href="https://creativecommons.org/licenses/by-sa/4.0">CC BY-SA</a>