दिल्ली हाईकोर्ट ने वक्फ अधिनियम के तहत वक्फ या वक्फ संपत्तियों से संबंधित विवादों से निपटने के लिए न्यायाधिकरण के गठन की मांग वाली याचिका पर सोमवार को दिल्ली सरकार से जवाब मांगा है। हाई कोर्ट में याचिका मस्जिद एवं दरगाह अब्दुल सलाम ने दायर की है, जो कनॉट प्लेस इलाके में स्थित है।

याचिका में यह तर्क दिया गया है कि ट्रिब्यूनल (जो वक्फ अधिनियम की धारा 84 के तहत गठित है) ने आखिरी बार अप्रैल 2022 में कार्य किया था। अप्रैल 2022 में, ट्रिब्यूनल के पूर्व सदस्य, एक अतिरिक्त जिला न्यायाधीश को वक्फ ट्रिब्यूनल से दूसरे न्यायालय में स्थानांतरित कर दिया गया था। उनके स्थान पर राज्य न्यायिक सेवा के एक अन्य सदस्य ने पदभार ग्रहण किया।

याचिका में क्या कहा गया है
हालांकि इसके बाद ट्रिब्यूनल के कामकाज की अनुमति देने के लिए कोई अपेक्षित अधिसूचना जारी नहीं की गई, जैसा कि अदालत को बताया गया था। इसमें कहा गया है कि अपेक्षित अधिसूचना जारी करने में दिल्ली सरकार की विफलता ने न केवल वक्फ ट्रिब्यूनल के समक्ष विवादों की बढ़ती लंबितता में योगदान दिया, बल्कि उच्च न्यायालय पर बोझ भी बढ़ाया क्योंकि तत्काल अंतरिम राहत चाहने वाले वादकारियों को उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाना पड़ा।

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