करीब 19 साल पुराना बहुचर्चित निठारी कंकाल मामला सुप्रीम कोट पहुंच गया है। सुप्रीम कोर्ट ने इलाहाबाद हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ एक पीड़िता के पिता की विशेष अनुमति याचिका (SLP) पर उत्तर प्रदेश सरकार और बरी किए गए अभियुक्त मनिंदर सिंह पंढेर व सुरेंद्र कोली को नोटिस जारी किया है।

याचिकाकर्ता ने की ये अपील
जस्टिस भूषण आर गवई, जस्टिस सतीश चंद्र शर्मा और जस्टिस संदीप मेहता की बेंच में हुई सुनवाई में अपीलकार्ता की ओर से कहा गया कि हाईकोर्ट ने आश्चर्यजनक रूप से सभी मेडिकल सबूतों और मजिस्ट्रेट के सामने दोनों के अपराध कबूल करने के बयान भी अस्वीकार कर दिए। इन सबूतों के साथ अभियोजन पक्ष ने परिस्थितिजन्य साक्ष्य सिद्ध किए थे। इनके आधार पर ट्रायल कोर्ट ने अभियुक्तों को मृत्युदंड की सजा सुनाई थी लेकिन हाईकोर्ट ने इन सभी को सिरे से दरकिनार कर दिया।

जानिए पूरा मामला
उल्लेखनीय है कि 2005-06 में गाजियाबाद के निकट निठारी में बच्चियों के गायब होने और बाद में उनके कंकाल मिलने का मामला काफी चर्चित हुआ था। ट्रायल कोर्ट ने जुलाई 2017 में कोली को हत्या और उनके सबूत नष्ट करने के 12 मामलों में और पंधेर को दो मामलों में मृत्युदंड की सजा सुनाई थी लेकिन पिछले साल अक्टूबर में हाईकोर्ट ने यह फैसला पलटते हुए अभियुक्तों को बरी कर दिया था।

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