भारत के लोकपाल द्वारा पारित आदेश के खिलाफ झारखंड मुक्ति मोर्चा की याचिका पर दिल्ली हाईकोर्ट ने जवाब मांगा है। न्यायमूर्ति सुब्रमण्यम प्रसाद की पीठ ने शिकायतकर्ता व भाजपा सांसद निशिकांत दुबे को नोटिस जारी करते हुए आदेश दिया कि सुनवाई की अगली तारीख तक मामले में लोकपाल द्वारा कोई और कदम नहीं उठाया जाएगा। मामले में अगली सुनवाई 10 मई को होगी। लोकपाल ने CBI को पार्टी के नाम पर मौजूद दो संपत्तियों की जांच करने का निर्देश दिया गया था।

लोकपाल नहीं उठाएगा कोई कदम
अदालत ने कहा कि CBI सीलबंद लिफाफे में अपनी रिपोर्ट लोकपाल के समक्ष देगी, लेकिन अगली सुनवाई तक लोकपाल द्वारा कोई कदम नहीं उठाया जाएगा। झामुमो (JMM) ने चार मार्च को पारित लोकपाल के आदेश को चुनौती दी थी।

संपत्तियों की जांच का दिया था निर्देश
लोकपाल ने उक्त आदेश भाजपा सांसद निशिकांत दुबे द्वारा राज्यसभा सांसद शिबू सोरेन के खिलाफ दायर एक शिकायत पर पारित किया गया था। लोकपाल ने CBI को छह महीने के भीतर सोरेन से जुड़ी कथित बेनामी संपत्तियों की जांच करने का निर्देश दिया था। सोरेन की तरफ से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल ने कहा कि विचाराधीन दो संपत्तियां सोरेन के बजाय झामुमो की हैं।

लोकपाल का आदेश जांच के दायरे के बाहर
उन्होंने कहा कि कानून के तहत जांच राजनीतिक दल के बजाय केवल एक व्यक्ति के खिलाफ ही शुरू की जा सकती है। उन्होंने कहा कि CBI अपनी पिछली रिपोर्ट में पहले ही इस निष्कर्ष पर पहुंच चुकी है कि संपत्तियां झामुमो की हैं, इसलिए लोकपाल का आदेश जांच के दायरे से बाहर चला जाता है।

झामुमो ने याचिका में क्या कहा
अधिवक्ता अभिषेक राय के माध्यम से दायर याचिका में झामुमो ने कहा कि लोकपाल का आदेश प्रथम दृष्टया कानून की दृष्टि से खराब और अधिकार क्षेत्र से बाहर है। यह भी तर्क दिया कि आदेश पारित करने से पहले झामुमो को कोई नोटिस जारी नहीं किया गया था और न ही उसे सुनवाई का अवसर दिया गया था। लोकपाल को दी गई अपनी शिकायत में, दुबे ने आरोप लगाया था कि सोरेन और उनके परिवार के सदस्यों ने बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार किया है।

यह भी आरोप लगाया था कि बेईमान और भ्रष्ट तरीकों को अपनाकर अपनी आय के ज्ञात और घोषित स्रोतों से अधिक भारी संपत्ति अर्जित की। निशिकांत दुबे ने दावा किया कि सोरेन ने ये संपत्ति अपने, अपने परिवार के सदस्यों, दोस्तों, सहयोगियों और कंपनियों के नाम पर रांची, धनबाद और दुमका सहित झारखंड के विभिन्न जिलों में अर्जित की है।

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