तीन महीने की बच्ची को जिंदा जमीन में गाड़ कर उसकी हत्या कर देने के आरोप में मुंबई की सेशन कोर्ट ने एक किन्नर को दोषी करार देते हुए फांसी की सजा सुनाई है। माना जा रहा है कि पहली बार किसी सेशन कोर्ट ने किन्नर को फांसी की सजा सुनाई गई है।

वर्ष 2021 में हुई घटना
पुलिस के मुताबिक दक्षिण मुंबई में कफ परेड इलाका है। इस इलाके में डॉ बाबासाहेब आंबेडकर नगर स्लम एरिया है। इस स्लम में सचिन चितकोटे अपनी फैमिली के साथ रहते है। सचिन पेशे से ड्राइवर हैं। 2021 में बेटी पैदा हुई थी। जब वह तीन महीने की थी तो एक दिन उनके घर एक किन्नर आया। उसका नाम कनैया उर्फ कन्नू चौगुले था। 

वह सचिन की मां से बधाई मांगने लगा। उस सचिन की मां ने बधाई देने में असमर्थता जता दी और कहा कि वह बाद में देगी। इस पर कन्नू को गुस्सा आ गया और उसने वहीं पर सचिन की मां को धमकी दे दी कि वह आज रात ही उन्हें सबक सिखाएगी। 

किन्नर ने रात में कर लिया अपहरण
कन्नू ने यह धमकी रात 8 बजे दी थी। उसी अढ़ाई बजे जब सचिन के घर में सब लोग गहरी नींद में सो रहे थे, तभी उस किन्नर ने घर में प्रवेश किया और तीन महीने के बच्ची को उठाकर ले गया। उस घटना में सोने काले नाम का एक और व्यक्ति भी उसके साथ था। 

जब सचिन की नींद खुली तो उन्होंने देखा कि बच्ची गायब है। वो पत्नी के साथ कफ परेड पुलिस स्टेशन गए और वहां पर केस दर्ज करवाया। बाद में सचिन की फैमिली और पुलिस वाले सब बच्ची को ढूंढने लगे। पुलिस के पूछने पर सचिन कन्नू की धमकी के बारे में बताया। पुलिस ने कन्नू को ढूंढ निकाला और उसे पुलिस स्टेशन बुलाकर पूछताछ की लेकिन उसने कुछ नही बताया।

समुद्र किनारे गड्ढा खोदकर दबा दिया
इसके बाद भी पुलिस को उस पर और सोनू पर शक बना रहा। लिहाजा उन्हें छोड़ा नहीं गया। अगले दिन दोनों ने जो बताया, उसे सुनकर सब हैरान रह गए। कन्नू ने बताया कि वे उस बच्ची को चोरी करके नजदीकी समुद्र के खाड़ी एरिया में लेके गए थे। वहां पर उन्होंने गड्डा खोदा और फिर बच्ची को जिंदा उसमें गाड़ दिया। इसके बाद वहां गीली मिट्टी डालकर निकल आए। 

इस सूचना के बाद पुलिस ने तुरंत घटनास्थल ढूंढकर बच्ची को बाहर निकाला। हालांकि तब तक उसकी मौत हो चुकी थी। इसके बाद कन्नू और सोनू के खिलाफ IPC की धारा 363, 302 ,201, पॉक्सो की धारा 4,6,8,10 के तहत केस दर्ज करके उन्हें अरेस्ट कर लिया गया। 

किन्नर को सुनाई गई फांसी की सजा
जज एवी कदम ने सबूतों और गवाहों के आधार पर बुधवार को कन्नू और सोनू को दोषी ठहराया। इसके साथ ही कन्नू को मर्डर के मामले में फांसी की सजा और अपहरण के मामले में आजन्म कारावास की सजा सुनाई। सोनू को केवल तीन साल की सजा सुनाई। इस सजा से चितकोटे परिवार खुश है।

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