नाबालिग से रेप के आरोपी दिल्ली सरकार के निलंबित अधिकारी प्रेमोदय खाखा के बेटे और बेटी को सुप्रीम कोर्ट से बड़ी राहत मिल गई है। सुप्रीम कोर्ट ने प्रेमोदय खाखा के बेटे औऱ बेटी को इस केस में अग्रिम जमानत दे दी है। जस्टिस टी रविकुमार और राजेश बिंदल की बेंच ने इस बात पर गौर किया कि याचिकाकर्ता जांच में शामिल हुए थे। जिसके बाद उनहें राहत देते हुए अग्रिम जमानत दी गई है। अदालत में दोनों तरफ के वकीलों की जिरह को सुनने के बाद अदालत ने कहा 25,000 रुपये के बॉन्ड भरने पर दोनों को जमानत दी है। अदालत ने कहा कि जांच अधिकारी दोनों के जांच में शामिल होने से संतुष्ट हैं। अदालत में याचिकाकर्ताओं की तरफ से एडवोकेट सुभाशीष एस सोरेन और भक्ति सिंह मौजूद थीं।

इससे पहले दिल्ली हाईकोर्ट ने पिछले साल 11 अक्टूबर को दोनों की अग्रिम जमानत याचिका खारिज कर दी थी। अदालत ने खाखा के बेटे और बेटी को लेकर कहा था कि प्रथम दृष्टया इस स्टेज पर दोनों से गहराई से पूछताछ की जरूरत है। अदालत ने इस बात पर गौर किया था कि खाखा के बच्चे लापता थे और उनकी गिरफ्तारी से पहले उन्हें बेल देने पर इस केस की जांच-पड़ताल में और भी देरी होगी।

पति पर रेप और पत्नी पर दवाई देने का आरोप

निलंबित अफसर खाखा पर आरोप है कि उन्होंने नवंबर 2020 से लेकर जनवरी 2021 तक नाबालिग लड़की से कई बार बलात्कार किया। खाखा अभी जेल में बंद है। पुलिस ने कहा था कि नाबालिग पीड़ित लड़की के पिता को प्रेमोदय खाखा पहले से जानते थे। आरोप है कि अफसर की पत्नी सीमा रानी ने नाबालिग को दवाई दी थी ताकि वो अपना गर्भपात कर सके।

इस केस में सीमा रानी भी न्यायिक हिरासत में है। पीड़िता ने जब एक अस्पताल में मजिस्ट्रेट के सामने अपना बयान दर्द कराया था तब इस कपल को गिरफ्तार किया गया था। इस मामले में भारतीय दंड संहिता की धारा 376(2)(f)  , 509, 323, 313, 120B तथा पॉक्सो एक्ट के तहत केस दर्ज किया गया है।

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