अगर किसी मोबाइल नंबर का इस्तेमाल नहीं होता है तो वह 90 दिनों के बाद निष्क्रिय हो जाता है। दूसरी ओर, व्हाट्सएप पुराने डाटा को तब हटा देता है यदि किसी मोबाइल नंबर का अकाउंट 45 दिनों तक निष्क्रिय रहने के बाद किसी अन्य डिवाइस पर सक्रिय होता है। यह जानकारियां भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण(ट्राई) ने एक केस की सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट को हलफनामा के जरिये दी हैं। ट्राई की जानकारियों पर गौर करने के बाद जस्टिस संजीव खन्ना और जस्टिस एसवीएन भट्टी की पीठ ने तमिलनाडु की एक वकील राजेश्वरी द्वारा दायर रिट याचिका पर विचार करने से इन्कार कर दिया।

याचिकाकर्ता ने उपयोग न करने के कारण एक विशेष नंबर के निष्क्रिय होने के बाद व्हाट्सएप डाटा के दुरुपयोग पर सवाल उठाया था। उन्होंने ट्राई को इस्तेमाल किए गए या निष्क्रिय हो चुके मोबाइल नंबरों को नए ग्राहकों को दोबारा इस्तेमाल करने से रोकने का निर्देश देने की मांग की थी।

अदालत ने कहा-ट्राई द्वारा दायर जवाबी हलफनामे से यह स्पष्ट है कि गैर-उपयोग के कारण निष्क्रिय या ग्राहक के अनुरोध पर डिस्कनेक्ट किया गया सेलुलर मोबाइल नंबर, कम से कम 90 दिनों की अवधि तक नए ग्राहक को आवंटित नहीं किया जाता है।’

दूरसंचार नियामक ने कहा कि यह पहले के ग्राहकों पर निर्भर है कि वे गोपनीयता बनाए रखने के लिए पर्याप्त कदम उठाएं। ग्राहक पिछले फोन नंबर से जुड़े व्हाट्सएप अकाउंट के डाटा को मिटाकर या उसे दूसरे डिवाइस आदि में शिफ्ट कर व्हाट्सएप डाटा के दुरुपयोग को रोक सकते हैं।

दूसरे ग्राहक को तीन माह बाद होता है आवंटित
पीठ ने ट्राई के इस तर्क को भी नोट किया कि व्हाट्सएप सहायता केंद्र पर उपलब्ध जानकारी के अनुसार, री-साइकिल किए गए फोन नंबरों के मामले में भ्रम को खत्म करने के लिए, वे खाते की निष्क्रियता की निगरानी करते हैं और जब कोई अकाउंट 45 दिनों तक निष्क्रिय रहता है और फिर अलग मोबाइल डिवाइस में सक्रिय हो जाता है तो पुराने अकाउंट डाटा हटा दिया जाता है।

दूरसंचार विभाग के निर्देशों के अनुसार, एक मोबाइल नंबर, जब सरेंडर किया जाता है या स्थायी रूप से डिस्कनेक्ट हो जाता है तो उपयोग न करने के 90 दिन पूरे होने के बाद नए ग्राहक को फिर से आवंटित किया जा सकता है।

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