उत्तर प्रदेश के मैनपुरी में मंगलवार को छेड़छाड़ के एक मामले की सुनवाई की गई। इस दौरान अदालत ने पाया कि गवाही देने वाली महिला ने झूठी गवाही दी। इस पर विशेष जज POCSO Act के आदेश पर महिला के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया। साथ ही छेड़छाड़ के आरोपी चार सगे भाइयों को बरी कर दिया गया।

कुर्रा थाना क्षेत्र में नौ साल पहले एक किशोरी के साथ छेड़छाड़ करने के आरोपी चार सगे भाइयों के मुकदमे की सुनवाई विशेष जज POCSO Act जितेंद्र मिश्रा के न्यायालय में हुई थी। एक महिला ने अपनी बेटी के साथ छेड़छाड़ करने की रिपोर्ट दर्ज कराई थी। सुनवाई विशेष जज POCSO Act के न्यायालय में हुई। इस दौरान रिपोर्ट लिखाने वाली महिला ने पुलिस को दी गई गवाही का अदालत में दी गई गवाही में समर्थन नहीं किया।

चार सगे भाइयों को बरी कर दिया गया
पीड़िता ने भी गवाही के दौरान आरोपियों को पहचानने से मना कर दिया। पीड़िता द्वारा पहचानने से मना करने पर घटना को संदिग्ध मानते हुए किशोरी के साथ छेड़छाड़ करने के आरोप से चारों भाइयों को बरी कर दिया गया। विशेष लोक अभियोजक शैलेंद्री राजपूत के प्रार्थना पत्र पर विशेष जज POCSO Act जितेंद्र मिश्रा के आदेश के बाद अदालत में ही झूठी गवाही देने वाली महिला के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया है।

यह थी घटना
थाना कुर्रा क्षेत्र एक गांव में दस अप्रैल 2014 को गांव के ही चार सगे भाई प्रवेश, लक्ष्मण, सूरज, सुनील के खिलाफ एक किशोरी के साथ छेड़छाड़ करने की रिपोर्ट लिखाई गई थी। घटना के दो महीने बाद सात जून 2014 को लिखाई गई रिपोर्ट की जांच करने के बाद पुलिस ने चारों भाइयों को दोषी पाकर मुकदमे की सुनवाई करने के लिए चार्जशीट न्यायालय में भेज दी थी। किशोरी की मां की झूठी गवाही के बाद आरोपी बरी किए जा चुके हैं।

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