पंजाब कांग्रेस के पूर्व प्रधान नवजोत सिंह सिद्धू को हाइकोर्ट से राहत मिली है। Change Land of Use (CLU) मामले में सिद्धू अब लुधियाना कोर्ट में पेश नहीं होंगे। Video Conference (VC) के जरिए उनकी पेशी होगी। गौरतलब है कि कुछ दिन पहले नवजोत सिंह सिद्धू ने स्वास्थ्य कारणों और जान का खतरा बताते हुए लुधियाना अदालत में उन्हें फिजिकल तौर पर तलब करने के बजाय Video Conference के जरिए पेशी भुगतने की याचिका दायर की थी, लेकिन कोर्ट ने उनकी याचिका स्वीकार नहीं की थी। निचली अदालत के आदेशों के खिलाफ सिद्धू द्वारा पिटीशन दायर की गई थी।

Production Warrant किया था जारी
CJM सुमित मक्कड़ द्वारा सिद्धू को 21 अक्टूबर को अदालत में पेश करने के लिए प्रोडक्शन वारंट जारी किया गया था। उन्हें 21 अक्टूबर को बतौर गवाह तलब किया गया था। हालांकि इससे पहले सिद्धू ने 29 सितंबर को दायर अर्जी में कोर्ट से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से अपने बयान दर्ज करने की मांग की थी, लेकिन निचली अदालत द्वारा याचिका खारिज किए जाने पर सिद्धू ने हाईकोर्ट का रुख किया था।

यह है मामला
गौरतलब है कि पूर्व DSP बलविंदर सिंह सेखों और पूर्व मंत्री भारत भूषण आशू के बीच CLU को लेकर विवाद हुआ था। आशू ने पूर्व DSP को धमकी दी थी, जिस कारण DSP ने आशू की शिकायत तत्कालीन लोकल बॉडी मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू से की थी, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं होने पर पूर्व DSP ने अदालत में याचिका दायर की थी। जिसमें नवजोत सिद्धू को बतौर गवाह बनाया गया। उन्हें अदालत में पेश होकर गवाही देनी थी। नवजोत सिंह सिद्धू फिलहाल पटियाला जेल में बंद है।

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