कर्नाटक हाईकोर्ट ने बुधवार को JDS के नेता प्रज्वल रेवन्ना को जमकर लताड़ लगाई।  2019 में हासन लोकसभा सीट के लिए उनके प्रचार अभियान से संबंधित एक मामले में सुनवाई के दौरान हाईकोर्ट में सही से व्यवहार नहीं करने पर जस्टिस के नटराजन की सिंगल जज बेंच ने फटकार लगाते हुए उन्हें उचित व्यवहार करने की चेतावनी दी। वहीं, कर्ज धोखाधड़ी के एक मामले में उड़ीसा हाईकोर्ट ने कांग्रेस विधायक की सजा पर रोक लगा दी। 

बुधवार को कर्नाटक हाईकोर्ट में ये वाकया उस वक्त हुआ जब रेवन्ना गवाह के रूप में याचिकाकर्ता केशव रेड्डी के वकील द्वारा पूछे गए सवालों के जवाब दे रहे थे। उनके विस्तार से दिए गए उत्तर और पूछताछ के दौरान वकील के साथ लापरवाही से बातचीत करने का उनका तरीका जस्टिस के नटराजन की सिंगल जज बेंच को अच्छा नहीं लगा। जिस पर हाईकोर्ट ने उन्हें चेतावनी देते हुए फटकारा। 

मामले की सुनवाई कर रहे जस्टिस के नटराजन की सिंगल जज बेंच ने कहा कि 'अपनी सीमाएं जानें। आप एक हाईकोर्ट में हैं। ऐसे मत बोलो जैसे आप बाहर करते हैं।' इसके बाद सांसद को विटनेस बॉक्स के अंदर एक कुर्सी पर बैठने दिया गया 

गौरतलब है कि ये याचिका 2019 के लोकसभा चुनावों में हसन संसदीय क्षेत्र से पराजित उम्मीदवार ए मंजू ने दायर की है। उस चुनाव में प्रज्वल रेवन्ना ने जीत हासिल की थी। इसमें आरोप लगाया गया है कि रेवन्ना ने चुनाव आयोग के समक्ष अपने द्वारा किए गए सभी खर्चों की घोषणा नहीं की थी। फिलहाल हाईकोर्ट ने मामले को अगली सुनवाई के लिए चार नवंबर को सूचीबद्ध किया है।

कर्ज धोखाधड़ी मामले में उड़ीसा हाईकोर्ट ने कांग्रेस विधायक की सजा पर रोक लगाई 
ओडिशा हाई कोर्ट ने कांग्रेस विधायक मोहम्मद मोकीम को बड़ी राहत दी है। ओडिशा हाई कोर्ट ने बुधवार को एक विशेष सतर्कता हाईकोर्ट द्वारा दिए गए दोषसिद्धि आदेश पर रोक लगा दी है। विशेष सतर्कता हाईकोर्ट ने अपने आदेश में पिछले महीने विधायक मोहम्म्द मोकीम को  ऋण घोटाला मामले में तीन साल के कठोर कारावास की सजा सुनाई थी।

उनके वकील पीतांबर आचार्य ने बताया कि हाई कोर्ट के इस आदेश के बाद अब बाराबती-कटक के विधायक मोहम्मद मोकीम अपने कार्यकाल की शेष अवधि के लिए अपने विधायक पद को बरकरार रख सकेंगे। बता दें कि 23 मई, 2019 को उनका कार्यकाल शुरू हुआ था। 

इस मामले में सुनवाई के बाद  न्यायमूर्ति बी पी राउतरे (B.P. Routray) की एकल पीठ ने अपने 15 पन्नों के आदेश में कहा कि एक विधायक के रूप में मोकिम की स्थिति को ध्यान में रखते हुए दोषसिद्धि के कारण उन्हें जो नुकसान हो सकता है, वह अपूरणीय होगा, जब तक कि दोषसिद्धि पर रोक नहीं लगाई जाती। इसके अलावा, इससे असामयिक उपचुनाव भी होगा जिससे सरकारी खजाने पर बोझ पड़ेगा। न्यायमूर्ति राउतरे ने यह भी कहा कि आगे तीन साल की सजा की सीमित अवधि और इसमें शामिल अपराध को देखते हुए यह उचित समझा जाता है कि अपील लंबित रहने पर दोषसिद्धि पर रोक लगा दी जाए।

Source Link

Picture Source :