एनआईए कोर्ट ने सोमवार को कश्मीरी अलगाववादी और दुख्तारन-ए-मिलत की संस्थापक आसिया अंद्राबी और उनकी दो सहयोगियों के खिलाफ देश के विरुद्ध कथित तौर पर युद्ध छेड़ने, राजद्रोह और आतंकवाद की साजिश करने के आरोप तय करने के आदेश दिए हैं।

मामला आतंकी संगठनों समेत पाकिस्तान के सहयोग से भारत के खिलाफ कथित तौर पर युद्ध छेड़ने से जुड़ा है। विशेष न्यायाधीश प्रवीण सिंह ने सोमवार को अंद्राबी और उनकी सहयोगियों-सोफी फहमीदा और नाहिदा नसरीन पर गैर कानूनी गतिविधि (रोकथाम) कानून (यूएपीए) के तहत और आईपीसी की विभिन्न धाराओं के तहत मुकदमा चलाने का आदेश दिया है।

अदालत ने आईपीसी की धारा 120 बी (आपराधिक साजिश), 121 (भारत सरकार के खिलाफ युद्ध छेड़ने), 121 ए (भारत सरकार के खिलाफ युद्ध छेड़ने की साजिश), 124 ए (राजद्रोह), 153 ए (विभिन्न समूहों के बीच रंजिश बढ़ाने), 153 बी (राष्ट्रीय अखंडता के खिलाफ बयानबाजी) और 505 (शांति भंग करने के लिए आपत्तिजनक बयान) के तहत आरोप तय करने के आदेश दिए।

अदालत ने यूएपीए की धारा 18 (आतंकी कृत्य को भड़काने, साजिश), 20 (आतंकी संगठन का सदस्य होना), 38 (आतंकी संगठन की सदस्यता से जुड़े अपराध) और 39 (आतंकी संगठन का समर्थन करना) के तहत भी आरोप तय करने के निर्देश दिए। औपचारिक रूप से आरोप 18 जनवरी को तय किए जाएंगे।

प्रतिबंधित संगठन दुख्तरान-ए-मिल्लत (देश की बेटियां) की प्रमुख अंद्राबी पर दो महिला सहयोगियों के साथ देश की एकता और अखंडता को अस्थिर करने के प्रयासों में संलिप्त रहने के आरोप लगाए गए थे। केंद्रीय गृह मंत्रालय के निर्देश पर आरोपियों के साथ संगठन के खिलाफ भी एक मामला दर्ज किया गया था। प्राथमिकी के मुताबिक अंद्राबी, फहमीदा और नसरीन दुख्तरान ए मिल्लत के तहत अभियान चला रही थीं।

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