हरियाणा में अदालतों का कामकाज हिंदी में शुरू करने की तैयारी की जा रही है। हालांकि यह फैसला प्रदेश सरकार ने इसी साल जनवरी में हुई कैबिनेट की बैठक में ले लिया था। मगर कोरोना संकट के चलते बीच में यह मामला लटक गया। अब सरकार इस फैसले को सिरे चढ़ाने चाहती है। ताकि इसका फायदा आम लोगों को हो सके।

इसी कड़ी में आगे बढ़ते हुए सरकार अब प्रदेश की अदालतों के स्टाफ की ट्रेनिंग करवाएगी। इसके लिए एक ऐसी निजी एजेंसी की तलाश की जा रही है। जिसे न्यायिक मामलों में अंग्रेजी व हिंदी भाषा के प्रशिक्षण का अनुभव हो। प्रोजेक्ट की निगरानी करने वाले एडवोकेट जनरल हरियाणा (महान्यायवादी) बलदेव राज महाजन ने बताया कि सरकार की सोच इस मामले में बहुत स्पष्ट है।

उन्होंने बताया कि दरअसल, प्रदेश की अदालतों में इस वक्त पूरा माहौल अंग्रेजीमय है। अदालतों के कामकाज में अभी अंग्रेजी की ही आदत है। इसलिए इसे एकदम से शिफ्ट करना थोड़ा चुनौतीपूर्ण है। इसलिए इस योजना को लागू करने से पूर्व अदालतों के स्टाफ की ट्रेनिंग करवाई जाएगी। दरअसल, अदालती कामकाज में कई तकनीकी भाषा ऐसी है, जिसका हिंदी में ज्ञान स्टाफ के लिए भी जरूरी है।

विधायकों, अधिवक्ताओं के आग्रह पर सरकार ने लिया फैसला
दरअसल, प्रदेश के 60 से अधिक विधायकों, हरियाणा के महाधिवक्ता समेत सैकड़ों अधिवक्ताओं ने हरियाणा की अदालतों में अंग्रेजी के साथ-साथ हिंदी भाषा में भी कामकाज शुरू करने के लिए हरियाणा सरकार को मांगपत्र भेजा था। इसी मांगपत्र के आधार पर सरकार ने फैसला लिया है।

अब इसी फैसले को लागू करने के लिए सरकार ने अगला कदम उठा दिया है। मांगपत्र में विधायकों का तर्क था कि अदालती कामकाज हिंदी में शुरू होने से लोगों को अपने फैसले समझने में काफी आसानी होगी और अदालतों का कामकाज आमजन की समझ के दायरे में होगा।

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