केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (सीआईएसएफ) ने कहा है कि हवाई अड्डों पर ऐसे कर्मियों की तैनाती अधिक संख्या में की जाएगी जो स्थानीय भाषा जानते हों। इससे पहले द्रमुक सांसद कनिमोझी ने आरोप लगाया था कि हवाई अड्डे पर एक सीआईएसफ कर्मी ने उनसे भारतीय होने के संबंध में सवाल पूछा क्योंकि उन्हें हिंदी नहीं आती। सीआईएसएफ के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कनिमोझी के आरोपों का खंडन किया और कहा कि महिला अधिकारी से हुई आरंभिक पूछताछ में इसकी पुष्टि नहीं हुई है।

अधिकारी ने कहा कि नौ अगस्त को चेन्नई हवाई अड्डे पर जिस महिला अधिकारी ने सांसद से बात की, उसने पूछताछ के दौरान वरिष्ठ अधिकारियों को बताया कि उसने “वह शब्द नहीं कहे थे जो कनिमोझी कह रही हैं। बल्कि उसने केवल इतना ही कहा था कि हिंदी भी भारतीय या आधिकारिक भाषा है।” कनिमोझी ने घटना के बारे में ट्वीट कर हिंदी थोपे जाने का आरोप लगाया था।

सीआईएसएफ अधिकारियों ने कहा कि चेन्नई हवाई अड्डे पर तैनात महिला अधिकारी से उसके आचरण के संबंध में कॉउंसलिंग की गई। उन्होंने कहा कि महिला अधिकारी दक्षिण भारतीय राज्य की रहने वाली है और उसने सामान्य सुरक्षा जांच के दौरान हिंदी में कनिमोझी से बात की थी। सीआईएसएफ के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, “उसने जांच दल को बताया कि उसने सांसद के हिंदी न जानने को लेकर उनकी भारतीयता के संबंध में कोई सवाल नहीं पूछा।

अधिकारी ने सांसद से केवल इतना कहा कि हिंदी भी एक भारतीय या आधिकारिक भाषा है।” कनिमोझी द्वारा इस मसले पर ट्वीट किए जाने के बाद सीआईएसएफ ने अपने आधिकारिक ट्विटर हैंडल से प्रतिक्रिया देते हुए कहा था कि मामले की जांच के आदेश दे दिए गए हैं और किसी एक भाषा को थोपना सीआईएसएफ की नीति नहीं है। सीआईएसएफ के महानिदेशक राजेश रंजन ने पीटीआई-भाषा से कहा, “हमारा ध्यान इस पर रहता है कि किसी भी प्रकार से संपर्क अच्छी तरह स्थापित होना चाहिए।”

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