सीबीआई ने  20 लाख रु. की घूसखोरी से जुड़े मामले में   छः व्यक्तियों को गिरफ्तार किया है, इसमें दो एनएचएआई के अधिकारी, जिसमे से एक, महाप्रबंधक व परियोजना निदेशक, एनएचएआई, पीआईयू, नागपुर (रिश्वत लेने वाला) तथा  दूसरा, उप महाप्रबंधक व  परियोजना निदेशक, एनएचएआई, हरदा (एमपी) के साथ एक निजी कंपनी के दो निदेशक तथा दो कर्मचारी शामिल हैं। अब तक रिश्वत की राशि सहित लगभग 1.10 करोड़ रु. का नकद बरामद/जब्त किया गया है।

सीबीआई ने एनएचएआई के चार लोक सेवकों, भोपाल स्थित  निजी कंपनी, उक्त निजी कंपनी के दो निदेशकों एवं कर्मचारियों सहित पांच निजी व्यक्तियों व अन्य अज्ञात व्यक्तियों के विरुद्ध  मामला दर्ज किया, जिसमे आरोप है   कि  भोपाल स्थित एक निजी कंपनी के निदेशक, भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) द्वारा आवंटित  की गई विभिन्न सड़क परियोजनाओं में पूर्णता प्रमाण पत्र जारी करने, बिलों पर कार्यवाही करने, आवंटित कार्यों की सुचारू प्रगति आदि के बदले में अपने कर्मचारियों के माध्यम से एनएचएआई के लोक सेवकों को रिश्वत पहुंचाते रहे हैं।  

यह भी आरोप है कि निजी कंपनी के कर्मचारी,  नागपुर व मध्य प्रदेश के विभिन्न स्थानों पर लोक सेवकों को रिश्वत पहुंचाते हैं।

आगे यह आरोप है कि  प्रोजेक्ट आउटर रिंग रोड़ हेतु  उक्त कंपनी का एक कर्मचारी, लंबित बिलों पर कार्यवाही और  पूर्णता प्रमाण पत्र जारी करने सहित लंबित मामलों को निपटाने हेतु महाप्रबंधक व  परियोजना निदेशक, एनएचएआई, पीआईयू, नागपुर के साथ नियमित संपर्क में है। 

 आगे, यह आरोप है कि 25 लाख रु. की रिश्वत राशि,  उक्त महाप्रबंधक व  परियोजना निदेशक, एनएचएआई, पीआईयू, नागपुर को पहुंचाई जाने की संभावना थी।

सीबीआई ने जाल बिछाया एवं उक्त निजी कंपनी के कर्मचारी द्वारा एनएचएआई के उक्त महाप्रबंधक व  प्रोजेक्ट मैनेजर को 20 लाख रु.  की रिश्वत देने के बाद, दोनों को पकड़ लिया।

नागपुर, भोपाल व  हरदा सहित विभिन्न स्थानों पर स्थित आरोपियों के  कार्यालयों और आवासों पर तलाशी ली जा रही है।  अन्य आपत्तिजनक दस्तावेजों, डिजिटल उपकरणों आदि के साथ अब तक ट्रैप मनी सहित 1.10 करोड़ रु. (लगभग) नकद बरामद/जब्त किए गए हैं।

इस मामले में आगे की जाँच जारी है।

 

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