केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने मुख्य कार्यालय अधीक्षक, डीआरएम कार्यालय, पश्चिम रेलवे, मुंबई (महाराष्ट्र) को शिकायतकर्ता की कंपनी को भुगतान हेतु 4.80 करोड़ रु.(लगभग) मूल्य के तीन बिलों पर कार्यवाही करने के लिए शिकायतकर्ता (एक निजी कंपनी के प्रतिनिधि) से 50,000/- रु. की रिश्वत स्वीकार करने पर गिरफ्तार किया।
सीबीआई ने आरोपी के विरुद्ध मामला दर्ज किया जिसमें पश्चिम रेलवे को सामग्री आपूर्ति करने वाली एक निजी कंपनी के बिलों पर कार्यवाही के लिए शिकायतकर्ता से रिश्वत की मांग का आरोप है। यह आरोप है कि कंपनी, पश्चिमी रेलवे की नियमित आपूर्तिकर्ता है एवं भुगतान हेतु पश्चिमी रेलवे को सामग्री की आपूर्ति के एवज में बिल जमा करती थी। आगे यह बताया गया कि शिकायतकर्ता (कंपनी का प्रतिनिधि), उक्त कंपनी की ओर से बिलों को समय पर पास करने व भुगतान हेतु पश्चिम रेलवे के लेखा विभाग से संपर्क करता था। यह आरोप है कि उक्त कंपनी ने हाल ही में पश्चिमी रेलवे को सामग्री की आपूर्ति की थी। आगे यह आरोप है कि कंपनी ने आपूर्ति की गई सामग्रियों के एवज में पश्चिम रेलवे के लेखा विभाग को 4.80 करोड़ रु.(लगभग) के तीन बिल जमा किए। यह भी आरोप है कि उक्त आरोपी, डीआरएम कार्यालय, मुंबई के लेखा अनुभाग में प्रोसेसिंग ऑफिसर(Processing Officer) था। जब शिकायतकर्ता ने उक्त बिलों पर कार्यवाही के लिए कथित तौर पर उक्त मुख्य कार्यालय अधीक्षक से संपर्क किया, आरोपी ने शिकायतकर्ता से 4.80 करोड़ रु. की कुल बिल राशि का 100.00 रु. प्रति लाख की दर से रिश्वत कि माँग की(लगभग 50,000/- रु. रिश्वत) ।
सीबीआई ने जाल बिछाया एवं आरोपी को मुंबई स्थित उनके कार्यालय में 50,000/- रु.रिश्वत स्वीकार करने के दौरान पकड़ा।
आरोपी के दो स्थानों पर स्थित परिसरों में तलाशी ली गई, जिसमें आपत्तिजनक दस्तावेज आदि बरामद हुए।
गिरफ्तार आरोपी को मुंबई की सक्षम न्यायालय के समक्ष आज पेश किया जा रहा है।
इस मामले में जाँच जारी है।
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