राष्ट्रपति उपलब्धि और पेंशन अधिनियम, 1951
(1951 का अधिनियम संख्यांक 30)
[13 मई, 1951]
[राष्ट्रपति की उपलब्धियों का और सेवानिवृत्त होने वाले
राष्ट्रपतियों को पेंशन का] उपबंध
करने के लिए
अधिनियम
संसद् द्वारा निम्नलिखित रूप में यह अधिनियमित हो: -
1. संक्षिप्त नाम-इस अधिनियम का संक्षिप्त नाम राष्ट्रपति [उपलब्धि और पेंशन] अधिनियम, 1951 है ।
[1क. राष्ट्रपति की उपलब्धियां-राष्ट्रपति को [एक लाख [पचास हजार रुपए]] प्रतिमास उपलब्धियों के रूप में दिए जाएंगे ।
2. सेवानिवृत्त होने वाले राष्ट्रपतियों को पेंशन-(1) प्रत्येक व्यक्ति को, जो अपने पद की अवधि समाप्त हो जाने या अपना पदत्याग कर देने के कारण राष्ट्रपति के रूप में पद पर नहीं रह जाता है, उसके शेष जीवनकाल में [राष्ट्रपति की उपलब्धियों का पचास प्रतिशत की दर से प्रतिमास] पेंशन दी जाएंगे:
[परन्तु यदि कोई व्यक्ति राष्ट्रपति का पद ग्रहण करने से पूर्व उपराष्ट्रपति का पद धारण कर चुका है तो ऐसा व्यक्ति उपराष्ट्रपति पेंशन अधिनियम, 1997 (1997 का 30) के उपबंधों के अधीन किसी पेंशन या अन्य फायदों का हकदार नहीं होगा ।]
(2) ऐसे किन्हीं नियमों के अधीन रहते हुए, जो इस निमित्त बनाए जाएं, प्रत्येक ऐसा व्यक्ति अपने शेष जीवनकाल में-
6[(क) किराए के संदाय के बिना सुसज्जित निवास का (जिसके अंतर्गत उसका रखरखाव भी है), दो टेलीफोन (जिनमें से एक इंटरनेट और ब्राडबैंक संयोजन के लिए), राष्ट्रीय रोमिंग सुविधा के साथ एक मोबाइल फोन और एक मोटरकार का मुफ्त उपयोग करने का या ऐसे कार भत्ते का, जो नियमों में विनिर्दिष्ट किया जाए;
(ख) सचिवीय कर्मचारिवृन्द का, जिसमें एक निजी सचिव, एक अपर निजी सचिव, एक निजी सहायक, दो चपरासी होंगे तथा साठ हजार रुपए प्रतिवर्ष तक के कार्यालय व्ययों का;]
(ग) मुफ्त चिकित्सीय परिचर्या और उपचार का;
[(घ) वायुयान, रेल या स्टीमर द्वारा उच्चतम दर्जे में, एक व्यक्ति के साथ, भारत में कहीं भी यात्रा करने का,]
हकदार होगा ।
स्पष्टीकरण-इस उपधारा के प्रयोजनों के लिए, निवासञ्ज् का वही अर्थ होगा, जो मंत्रियों के संबलमों और भत्तों से संबंधित अधिनियम, 1952 (1952 का 58) में है ।]
[(2क) ऐसे किन्हीं नियमों के अधीन रहते हुए, जो इस निमित्त बनाए जाएं, ऐसे प्रत्येक व्यक्ति की पत्नी या पति अपने शेष जीवनकाल में मुफ्त चिकित्सीय परिचर्या और उपचार का हकदार होगा ।]
[(3) जहां कोई ऐसा व्यक्ति राष्ट्रपति के पद के लिए पुनर्निर्वाचित हो जाता है, वहां ऐसा व्यक्ति या ऐसे व्यक्ति की पत्नी या पति उस अवधि में, जिसके दौरान ऐसा व्यक्ति पुनः उस पद को धारण करता है, इस धारा के अधीन किसी प्रसुविधा का हकदार नहीं होगा ।]
[2क. राष्ट्रपति की पत्नी या पति को कुटुम्ब पेंशन-(क) किसी ऐसे व्यक्ति की, जिसकी,-
(क) राष्ट्रपति का पद धारण करने के दौरान; या
(ख) राष्ट्रपति के रूप में अपने पद की अवधि समाप्त हो जाने या अपने पद का त्याग करने से पद पर न रह जाने के पश्चात्,
मृत्यु हो जाती है, पत्नी या पति को, उसके शेष जीवनकाल में उस पेंशन के, जो निवृत्त होने वाले राष्ट्रपति को अनुज्ञेय है, पचास प्रतिशत की दर से कुटुम्ब पेंशन संदत्त की जाएगी ।]
[3. पद धारण करते हुए मृत्यु हो जाने पर राष्ट्रपति की पत्नी या उसके पति को मुफ्त चिकित्सीय परिचर्या और उपचार-ऐसे किन्हीं नियमों के अधीन रहते हुए, जो इस निमित्त बनाए जाएं, किसी ऐसे व्यक्ति की, जो राष्ट्रपति का पद धारण किए हुए है, मृत्यु हो जाने पर उसकी पत्नी या पति अपने शेष जीवनकाल में मुफ्त चिकित्सीय परिचर्या और उपचार का हकदार होगा ।]
[3क. राष्ट्रपति की पत्नी या पति को निःशुल्क वास सुविधा-किन्हीं ऐसे नियमों के अधीन रहते हुए जो इस निमित्त बनाए जाएं, किसी ऐसे व्यक्ति की, जिसकी, -
(क) राष्ट्रपति का पद धारण करने के दौरान; या
[(ख) राष्ट्रपति के रूप में अपने पद की अवधि समाप्त हो जाने या अपने पद का त्याग करने से पद पर न रह जाने के पश्चात्,
मृत्यु हो जाती है, पत्नी या पति निम्नलिखित के लिए हकदार होगा, -
(i) अनुज्ञप्ति फीस का संदाय किए बिना सुसज्जित निवास का (जिसके अंतर्गत उसका रखरखाव भी है) उपयोग;
(ii) सचिवीय कर्मचारिवृंद का, जिसमें एक निजी सचिव और एक चपरासी भी होगा, तथा वास्तविक कार्यालय व्यय का जिन पर कुल व्यय बारह हजार रुपए प्रतिवर्ष से अधिक नहीं होगा;
(iii) अपने शेष जीवन काल में मुफ्त एक टेलीफोन और एक मोटरकार या ऐसे कार भत्ते का, जो नियमों में विनिर्दिष्ट किया जाए;
(iv) एक कलैंडर वर्ष में वायुयान, रेल या स्टीमर द्वारा, उच्चतम दर्जे में किसी सहयोगी या किसी नातेदार के साथ, भारत में कहीं भी, बारह एकल यात्राओं का,]
मृत्यु हो जाती है, पत्नी या पति, अपने शेष जीवनकाल में अनुज्ञप्ति फीस का संदाय किए बिना असुसज्जित निवास-स्थान का उपयोग करने का हकदार होगा ।]
4. राशियों का भारत की संचित निधि पर भारित होना-इस अधिनियम के अधीन देय कोई राशि भारत की संचित निधि पर भारित होगी ।
5. नियम बनाने की शक्ति- [(1)] केन्द्रीय सरकार इस अधिनियम के प्रयोजनों को कार्यान्वित करने के लिए नियम, राजपत्र में अधिसूचना द्वारा, बना सकेगी ।
[(2) इस अधिनियम के अधीन केन्द्रीय सरकार द्वारा बनाया गया प्रत्येक नियम बनाए जाने के पश्चात्, यथाशीघ्र, संसद् के प्रत्येक सदन के समक्ष, जब वह सत्र में हो, कुल तीस दिन की अवधि के लिए रखा जाएगा । यह अवधि एक सत्र में अथवा दो या अधिक आनुक्रमिक सत्रों में पूरी हो सकेगी । यदि उस सत्र या पूर्वोक्त आनुक्रमिक सत्रों के ठीक बाद के सत्र के अवसान के पूर्व दोनों सदन उस नियम में कोई परिवर्तन करने के लिए सहमत हो जाएं, तो तत्पश्चात् वह ऐसे परिवर्तित रूप में प्रभावी होगा । यदि उक्त अवसान के पूर्व दोनों सदन सहमत हो जाएं कि वह नियम नहीं बनाया जाना चाहिए, तो तत्पश्चात् वह निष्प्रभाव हो जाएगा । किन्तु नियम के ऐसे परिवर्तित या निष्प्रभाव होने से उसके अधीन पहले की गई किसी बात की विधिमान्यता पर प्रतिकूल प्रभाव नहीं पड़ेगा ।]
[6. कठिनाइयों को दूर करने की शक्ति-(1) यदि राष्ट्रपति उपलब्धि और पेंशन (संशोधन) अधिनियम, 2008 द्वारा यथासंशोधित इस अधिनियम के उपबंधों को प्रभावी करने में कोई कठिनाई उत्पन्न होती है तो केन्द्रीय सरकार, आदेश द्वारा, जो ऐसे उपबंधों से असंगत न हो, कठिनाइयों को दूर करने के प्रयोजन के लिए, कोई बात कर सकेगी:
परन्तु कोई ऐसा आदेश इस अधिनियम के प्रवृत्त होने की तारीख से दो वर्ष की अवधि की समाप्ति के पश्चात् नहीं किया जाएगा ।
(2) उपधारा (1) के अधीन किया गया प्रत्येक आदेश संसद् के प्रत्येक सदन के समक्ष रखा जाएगा ।]
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