भारतीय दंड संहिता की धारा 368 के अनुसार, जो भी कोई जानबूझ कर किसी व्यपहृत या अपहृत किए गये व्यक्ति को गलत तरीके छिपाएगा या क़ैद में रखेगा, वह उसी प्रकार दण्डित किया जाएगा मानो उसने उसी आशय या ज्ञान या प्रयोजन से ऐसे व्यक्ति का व्यपहरण या अपहरण किया हो जिससे उसने उस व्यक्ति को छिपाया या क़ैद में रखा है।
लागू अपराध
व्यपहृत या अपहृत व्यक्ति को गलत तरीके से छिपाना या क़ैद करना।
सजा - जो व्यपहरण या अपहरण के लिए उपबंधित है।
यह अपराध गैर-जमानती, संज्ञेय है तथा तथा अदालती कार्रवाई व्यपहरण या अपहरण के अपराध अनुसार होगी।
यह अपराध समझौता करने योग्य नहीं है।
अपराध | सजा | संज्ञेय | जमानत | विचारणीय |
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किसी अपहृत व्यक्ति को छुपाना या कैद में रखना | अपहरण या अपहरण के लिए के रूप में | संज्ञेय | गैर जमानतीय | अपहरण के अपराध के जैसा |