भारतीय दंड संहिता की धारा 279 के अनुसार, जो भी कोई किसी वाहन को एक सार्वजनिक मार्ग पर किसी भी तरह की जल्दबाजी या लापरवाही से चलाता है या सवारी करता है जिससे मानव जीवन को कोई संकट हो या किसी व्यक्ति को चोट या आघात पहुँचना सम्भाव्य हो, तो उसे किसी एक अवधि के लिए कारावास जिसे छह महीने तक बढ़ाया जा सकता है, या आर्थिक दंड जो एक हजार रुपए तक हो सकता है, या दोनों से दंडित किया जाएगा।
लागू अपराध
एक सार्वजनिक रास्ते पर जल्दबाजी या लापरवाही से वाहन चलाना जिससे मानव जीवन को संकट आदि सम्भाव्य हो।
सजा - छह मास कारावास या एक हजार रुपए आर्थिक दंड या दोनों
यह एक जमानती, संज्ञेय अपराध है और किसी भी मजिस्ट्रेट द्वारा विचारणीय है।
यह अपराध समझौता करने योग्य नहीं है।
अपराध | सजा | संज्ञेय | जमानत | विचारणीय |
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मानव जीवन को खतरे में डालने के लिए इतनी जल्दबाजी या लापरवाही से सार्वजनिक तरीके से ड्राइविंग या सवारी करना आदि | 6 महीने या जुर्माना या दोनों | संज्ञेय | जमानतीय | कोई भी मजिस्ट्रेट |