राम मंदिर पर सुनवाई के लिए 5 जजों की बेंच का गठन कर दिया गया है. इस बेंच का नेतृत्व चीफ जस्टिस रंजन गोगोई करेंगे.इस संवैधानिक बेंच में जस्टिस रंजन गोगई, जस्टिस एसए बोड़े, एनवी रमन्ना, यूयू ललित और डीवाई चन्द्र चुड़ हैं. यह बेंच 10 जनवरी से मामले की सुनवाई करेगी।पिछली सुनवाई के दौरान चीफ जस्टिस रंजन गोगोई ने कहा था कि तीन जजों की बेंच इसकी सुनवाई करेगी. लेकिन अब इस बेंच में पांच जज होंगे. बता दें कि इस मसले पर तेजी से सुनवाई की मांग की जाती रही है। 6 जनवरी को अदालत ने इस मसले पर सुनवाई करते हुए इसके लिए बेंच गठित करने की बात कही थी। इसके साथ ही अदालत ने 10 जनवरी को अगली सुनवाई की बात कही थी। आपको बता दें कि इलाहाबाद हाईकोर्ट के सितंबर 2010 के फैसले के खिलाफ दायर 14 अपील सुप्रीम कोर्ट में दायर की गई है. इलाहाबाद हाईकोर्ट ने 2.67 अकड़ ज़मीन को तीन हिस्सों में बांट दिया था.एक हिस्सा राम लला विराजमान, एक हिस्सा निर्मोही अखाड़ा और एक हिस्सा सुन्नी वक्फ बोर्ड को दिया गया है. तीनों ही पक्षों ने इसे सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है. इस मामले में 533 एक्जीबिट, 87 गवाह जिन के बयान 14000 पन्नों में हैं और हजारों दस्तावेज हैं जो संस्कृत, उर्दू, अरबी, फारसी, हिंदी और अंग्रेज़ी में हैं. इन सब को पढ़ने में ही काफी समय लग सकता है.

अयोध्या में बाबरी मस्जिद के विध्वंस के 26 साल पूरे हो गए हैं. 06 दिसंबर 1992 को अयोध्या में बाबरी मस्जिद के विवादित ढांचे को गिराया गया था, हालांकि विवादित स्थल पर आज तक मंदिर का निर्माण नहीं हो पाया है और कई संगठन अब भी राम मंदिर निर्माण की मांग कर रहे हैं.

 

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