सीलिंग को लेकर सूप्रीम कोर्ट में चल रही सुनवाई मामले में सुप्रीम कोर्ट ने राज्यपाल को आवासीय इलाकों में चल रहे अवैध इंडस्ट्रियल यूनिटों को बंद कराने का आदेश दिया है.

दिल्ली में सीलिंग मामले पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने उपराज्यपाल अनिल बैजल को फटकार लगाई है. गुरुवार (11 अक्टूबर) को मामले की सुनवाई करते हुए कोर्ट ने कहा कि यह बहुत ही दुर्भाग्यपूर्ण है कि 15 साल हो गए मॉनिटरिंग कमिटी को गठित करें हुए. लेकिन आज भी दिल्ली में रिहायशी इलाकों में तकरीबन 5000 इंडस्ट्रियल यूनिट चालू हैं. कोर्ट ने सरकार से इस बात पर जवाब देने को कहा कि क्यों न गैरकानूनी यूनिट को बिना सूचना दिए सील किये जाए.

सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि उपराज्यपाल सुप्रीम कोर्ट को आश्वस्त करें की जितने भी रिहायशी इलाके हैं, जहां अवैध तरीके से इंडस्ट्रियल यूनिट चल रहे हैं, उन्हें 15 दिन के अंदर सील किया जाए.

दिल्ली सरकार को भी लगाई थी फटकार

उल्लेखनीय है कि इस मामले में सुप्रीम कोर्ट ने पिछली सुनवाई में दिल्ली सरकार को फटकार लगाई थी. कोर्ट ने दिल्ली सीलिंग पर सख्त रुख अपनाते हुए कहा था कि पूरी दिल्ली में अवैध निर्माण हो रहा है. कोर्ट ने दिल्ली सरकार और नगर निगम से कहा कि आप लोग दिल्ली में तबाही का इंतजार कर रहे हैं.

31 जनवरी को सुनवाई के दौरान कोर्ट ने डीडीए और अन्य पार्टियों से दिल्ली का मास्टर प्लान लाने के निर्देश दिए थे. अदालत ने कहा था कि अगर एक बार यह मान लिया जाए कि मॉनिटरिंग कमेटी को भंग कर दें तो क्या निगम ऐसे मामलों में कार्रवाई नहीं कर सकता?

दिल्ली सीलिंग मामले में सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने उपराज्यपाल को इससे निपटने के लिए 15 दिन का वक्त दिया है.

 

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